वो कश्ती और मैं किनारा बन जाता हूँ वो तिनका और मैं डूबते का सहारा बन जाता हूँ उम्र का पड़ाव है आखिर एक पल में अपना और दूसरे पल आवारा बन जाता हूँ वो मेरी लाठी मैं उसका सहारा बन जाता हूँ बूढा हो गया हूँ शायद दो कदम अकेले चलकर बेसहारा बन जाता हूँ वो श्मशान की राख और मैं आसमान का सितारा बन जाता हूँ ।।।। ©Ravinder Sharma #उम्र #बूढ़ा #लाठी #कश्ती #किनारा #सितारा #Vision