कितना सामान चाहिए तेरे दिल की जमीं पर अपनी मोहोब्बत का बनाना मकान चाहता हूं, तुझकों रोज़ देख सकूं जहां से मैं अपनी वो सुबहो शाम चाहता हूं, बस जीने के लिए तेरी नज़रों का मेरी नज़रों से दुआ सलाम चाहता हूं!... ©Nikhil Kaushik कितना सामान चाहिए तेरे #दिल की #जमीं पर अपनी #मोहोब्बत का बनाना #मकान चाहता हूं, तुझकों रोज़ देख सकूं जहां से मैं अपनी वो सुबहो शाम चाहता हूं, बस जीने के लिए तेरी #नज़रों का मेरी नज़रों से #दुआ सलाम चाहता हूं!... #MusicLove