तेरे इश्क़ का आजार हुँ मैं, एक लूटा हुआ बाजार हूँ मैं, तू बंद पडी क़िताब सा उस क़िताब का सार हूँ मैं, सड़क पर पड़ा पुराना अखबार हूँ मैं, तू ना समझे तो पतझड़ सा जो समझ ले तो सावन की बहार हूँ मैं। ©Anuj Verma #moonnight #Saawan #ishaq