कुछ तेरी तरह हीं है !! जैसी उसकी बुंदे वैसी तेरी यादें... जैसी उसकी हवाएं वैसी तेरी तमन्नाएं !! जितनी बैचैनी उस बादल को रहतीं हैं धरती के लिए उतनी हीं बैचैनी तेरी दीदार की रहतीं हैं मुझे !! जैसें ,वो बादल बेचैनियों को समेट कर बरसात हैं और धरती की प्यास अपनी हर बुंद के साथ बुझाता है !! बस तुम एक गुजारिश है मैं बन जाऊं बेमौसम बरसात और तुम बन जाओं वो प्यासी धरती ।। #napowrimo में आज 20वाँ दिन है और प्रकृति की नाराज़गी जारी है। #बेमौसमबरसात #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi