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तुझे क्या लगता है तेरी बन्दी वफादार है, ईश्क भी हम

तुझे क्या लगता है तेरी बन्दी वफादार है,
ईश्क भी हमारा चाकू की धार है,
बचा के रखना महबूबा को अपनी,
यात्री अपने सामान का स्वयं जिम्मेदार है।।

©Ashvani Kumar यात्री अपने सामान का स्वयं जिम्मेदार है।।
तुझे क्या लगता है तेरी बन्दी वफादार है,
ईश्क भी हमारा चाकू की धार है,
बचा के रखना महबूबा को अपनी,
यात्री अपने सामान का स्वयं जिम्मेदार है।।

©Ashvani Kumar यात्री अपने सामान का स्वयं जिम्मेदार है।।

यात्री अपने सामान का स्वयं जिम्मेदार है।। #Shayari