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आज 13 दिन हो चुके हैं भारत में लोकडाउन हुए, लेकिन

आज 13 दिन हो चुके हैं भारत में लोकडाउन हुए, लेकिन लोग अभी भी गंभीरता से विचार नहीं कर रहे है। रोज़ के रोज़ कोरोना के इतने मामले सामने आ रहे है कि अब यह समझ नही आ रहा है कि आखिर कीया क्या जाए। 

हमारे देश के प्रधानमंत्री भी चिंता में होंगे कि कैसे इस माहमारी से निपटा जाए। पर मुझे लगता है कि अभी देश के लिए माहमारी से भी बड़ी दिक्कत है उन लोगों से निपटना जिनकी वजह से पूरा देश परेशान है और वो है गो कोरोना गो का नारा लगाने वाले। जी हाँ, यह वही है जिनकी वजह से 13 दिन के लॉकडाउन के बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हो चुकी है। और हो भी क्यों न, जहाँ हमारी पहले सबसे बड़ी चुनौती थी इस माहमारी को रोकना वही आज उससे भी बड़ी चुनौती है उन लोगो को रोकना जिनकी वजह से यह माहमारी बढ़ने की संभावनाएं अब बहुत ज़्यादा है। 

आप व्हाट्सएप्प खोलेंगे तो आपको रोज़ किलो के भाव में इस माहमारी से निपटने के कई तरीके और नुस्खे देखेंगे। कोई प्याज़ से, तो कोई लहसुन से, कोई व्हिस्की से तो कोई हुक्के से कोरोना को खत्म करने का दावा कर रहा है। 

इसके अलावा हमारे देश के प्रधानमंत्री भी लोगो को जागरूक करने में भरसक प्रयास कर रहे है। इसके लिए उन्होंने 22 मार्च को थाली बजाने का और 5 अप्रैल को दिए, टॉर्च या मोबाइल की फ़्लैश लाइट जलाकर लोगो को उत्साह बढ़ाने का कार्य दिया था पर बहुत लोगो ने जिनकी बुद्धि पर पत्थर पड़ गए थे वो घर से बाहर निकल कर सड़कों पर उतरकर एक साथ इक्कट्ठा होकर या तो नाच गाना करने लगे या फिर मशाल जलाकर जुलूस निकालने लगे। 

रही बची कसर तमलीगी जमात के लोगो ने निकाल दी जो अब सीना जोरी भी कर रहे हैं। और जिनकी वजह से आज कोरोना से संक्रमित लोगो की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। 

अब मैं इनको देख कर यह समझ नही पा रहा हुँ कि ऐसे कैसे खत्म होगा यह कोरोना। हमारे देश की सरकार सबसे पहले किनसे निपटे, चुनातियों से या उन लोगो से जो आज भी यह नही समझ रहे है कि सिर्फ उनको घर में है रहना है तभी यह कोरोना खत्म हो सकता है। इस समय इससे बड़ा एंटीडोट या वैक्सीन नही है किसी भी देश के पास। 

आप चाहे कितने भी नारे लगा ले, "गो कोरोना गो","कोरोना गो बैक" पर यह कोरोना तभी जाएगा जब हम सिर्फ और सिर्फ घर पर रहे और सिर्फ ज़रूरी चीज़ों के लिए ही घर से निकले। #गो कोरोना गो
आज 13 दिन हो चुके हैं भारत में लोकडाउन हुए, लेकिन लोग अभी भी गंभीरता से विचार नहीं कर रहे है। रोज़ के रोज़ कोरोना के इतने मामले सामने आ रहे है कि अब यह समझ नही आ रहा है कि आखिर कीया क्या जाए। 

हमारे देश के प्रधानमंत्री भी चिंता में होंगे कि कैसे इस माहमारी से निपटा जाए। पर मुझे लगता है कि अभी देश के लिए माहमारी से भी बड़ी दिक्कत है उन लोगों से निपटना जिनकी वजह से पूरा देश परेशान है और वो है गो कोरोना गो का नारा लगाने वाले। जी हाँ, यह वही है जिनकी वजह से 13 दिन के लॉकडाउन के बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हो चुकी है। और हो भी क्यों न, जहाँ हमारी पहले सबसे बड़ी चुनौती थी इस माहमारी को रोकना वही आज उससे भी बड़ी चुनौती है उन लोगो को रोकना जिनकी वजह से यह माहमारी बढ़ने की संभावनाएं अब बहुत ज़्यादा है। 

आप व्हाट्सएप्प खोलेंगे तो आपको रोज़ किलो के भाव में इस माहमारी से निपटने के कई तरीके और नुस्खे देखेंगे। कोई प्याज़ से, तो कोई लहसुन से, कोई व्हिस्की से तो कोई हुक्के से कोरोना को खत्म करने का दावा कर रहा है। 

इसके अलावा हमारे देश के प्रधानमंत्री भी लोगो को जागरूक करने में भरसक प्रयास कर रहे है। इसके लिए उन्होंने 22 मार्च को थाली बजाने का और 5 अप्रैल को दिए, टॉर्च या मोबाइल की फ़्लैश लाइट जलाकर लोगो को उत्साह बढ़ाने का कार्य दिया था पर बहुत लोगो ने जिनकी बुद्धि पर पत्थर पड़ गए थे वो घर से बाहर निकल कर सड़कों पर उतरकर एक साथ इक्कट्ठा होकर या तो नाच गाना करने लगे या फिर मशाल जलाकर जुलूस निकालने लगे। 

रही बची कसर तमलीगी जमात के लोगो ने निकाल दी जो अब सीना जोरी भी कर रहे हैं। और जिनकी वजह से आज कोरोना से संक्रमित लोगो की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। 

अब मैं इनको देख कर यह समझ नही पा रहा हुँ कि ऐसे कैसे खत्म होगा यह कोरोना। हमारे देश की सरकार सबसे पहले किनसे निपटे, चुनातियों से या उन लोगो से जो आज भी यह नही समझ रहे है कि सिर्फ उनको घर में है रहना है तभी यह कोरोना खत्म हो सकता है। इस समय इससे बड़ा एंटीडोट या वैक्सीन नही है किसी भी देश के पास। 

आप चाहे कितने भी नारे लगा ले, "गो कोरोना गो","कोरोना गो बैक" पर यह कोरोना तभी जाएगा जब हम सिर्फ और सिर्फ घर पर रहे और सिर्फ ज़रूरी चीज़ों के लिए ही घर से निकले। #गो कोरोना गो
suneetchak3344

Suneet Chak

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