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Sangeeta 'मुक़ाम... तेरे-मेरे ख़्वाबों का' जील इन्फ़

Sangeeta  'मुक़ाम... तेरे-मेरे ख़्वाबों का' जील इन्फ़िक्स पब्लिशिंग सर्विसेज की ओर से संकलन शृँखला की दूसरी किताब है, जिसमें कोशिश की गई है नए लेखक-लेखिकाओं और पूर्व से ही प्रकाशित अनुभवी एवं मंझे हुए अन्य लेखक-लेखिकाओं को एक मंच पर, एक किताब की सूरत में लाने की, ताकि उनके ख़ूबसूरत ख़्यालात उन लोगों तक पहुँच सके जो इन चीज़ों की परख रखतें हैं। ये किताब उन दस लोगों की लेखनी से सराबोर है, जिनकी लिखी कवितायें आप सबके ज़हन में सालों तक अपनी पैठ बनाये रखेंगी। मेरी ये कोशिश कि लोगों का वो हुनर जो लेखनी की दुनिया में है, वो कहीं छिपा न रह जाये और जो पूर्व से ही प्रकाशित लेखक-लेखिका हैं, उन्हें एक और दायरा मिले, एक नया ज़रिया मिले उन लोगों का मार्गदर्शन करने का जो अभी नए हैं, ये आगे भी जारी रहेगी, मेरी कोशिश रहेगी कि आगे भी ऐसे की किसी संकलन के ज़रिये मैं और भी नए लोगों की लेखनी से आप सबको ख़ुश रख सकूँ। संकलन में शामिल सभी लेखक-लेखिकाओं का आभार, अपनी लेखनी से इस संकलन को एक बड़ा मुक़ाम देने के लिए।

-संगीता पाटीदार
#krati_mandloi #martinfaisal #anilkushwaha #hindipoetry #published #anthology
Sangeeta  'मुक़ाम... तेरे-मेरे ख़्वाबों का' जील इन्फ़िक्स पब्लिशिंग सर्विसेज की ओर से संकलन शृँखला की दूसरी किताब है, जिसमें कोशिश की गई है नए लेखक-लेखिकाओं और पूर्व से ही प्रकाशित अनुभवी एवं मंझे हुए अन्य लेखक-लेखिकाओं को एक मंच पर, एक किताब की सूरत में लाने की, ताकि उनके ख़ूबसूरत ख़्यालात उन लोगों तक पहुँच सके जो इन चीज़ों की परख रखतें हैं। ये किताब उन दस लोगों की लेखनी से सराबोर है, जिनकी लिखी कवितायें आप सबके ज़हन में सालों तक अपनी पैठ बनाये रखेंगी। मेरी ये कोशिश कि लोगों का वो हुनर जो लेखनी की दुनिया में है, वो कहीं छिपा न रह जाये और जो पूर्व से ही प्रकाशित लेखक-लेखिका हैं, उन्हें एक और दायरा मिले, एक नया ज़रिया मिले उन लोगों का मार्गदर्शन करने का जो अभी नए हैं, ये आगे भी जारी रहेगी, मेरी कोशिश रहेगी कि आगे भी ऐसे की किसी संकलन के ज़रिये मैं और भी नए लोगों की लेखनी से आप सबको ख़ुश रख सकूँ। संकलन में शामिल सभी लेखक-लेखिकाओं का आभार, अपनी लेखनी से इस संकलन को एक बड़ा मुक़ाम देने के लिए।

-संगीता पाटीदार
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