जो इन्सान को पा न सका,उसे खुदा चाहिए। जो जमी के लायक नही है,उसे आसमा चाहिए। चाहतो का सिलसिला यूं रूकने वाला नही एक दिन मुझको अपनी मुट्ठी सारा जहाँ चाहिए। तंग आ गया लोगो की नफरत भरी बातो से मुझे जिन्दगी भर लिए मोहब्बत का पता चाहिए। कविराज "मधुकर" कविराज"मधुकर" #nojoto#poetry#sayari#kavitay