"हिमांश" खुले आसमाँ के तले, एक दरिया में छलाँग क्यों नहीं लगाते हो जब चलना ही है अकेले सफ़र में तो, एक राह ख़ुद की क्यों नहीं बनाते हो जानते हो सभी दस्तूर दुनियां के, तो ख़ुद के अंदर एक नई दुनियां क्यों नहीं बसाते हो "हिमांश" खुले आसमाँ के तले, एक शान्त दरिया में छलाँग क्यों नहीं लगाते हो..!!! who's you..!!!!!