सुहावन आज राम जन्म की बेला है, घर घर में विश्वास भाव का मेला है राम रहे सदैव कर्तव्य समर्पित, कर्म पथ रहा राम का अलबेला है बाल रूप जन जन नयन निहारे, शैशव मे ही निशाचर अति संहारे शिव धनुष भंग कर जनक सुता से व्याहे, राजमहल ऐश्वर्य छोड़,वन गमन सिधारे विप्र,धेनु सुर, संत हित वचन उचारे, निषाद राज शबरी का सम्मान किया, खर दूषण मारे स्वर्ण मृग मोह हुआ सीता को,श्रीराम ने मारीच सहित अन्य असुर उद्धारे छद्म रूप धारण किए दशानन खड़ा हुआ था द्वारे लक्ष्मण रेखा लाॅ॑घ शक्ति ने , किया सुनिश्चित रावण वध था जटायु, सुग्रीव,अंगद, हनुमान, विभीषण के राम वने सहारे सभी दुष्ट दानवों का दर्प हरा,जो थे रावण को अति प्यारे राम हमारी मर्यादा हैं, राम सदा हमारे आदर्श रहे श्वांस श्वांस में राम समाये, राम नाम का रुधिर बहे जय जय श्री राम ©Rishnit सुहावन आज राम जन्म की बेला है घर घर में विश्वास भाव का मेला है राम रहे सदैव कर्तव्य समर्पित कर्म पथ रहा राम का अलबेला है