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दिल में थे ढेरों सवाल जिनका था ना कोई जवाब लिए आंख

दिल में थे ढेरों सवाल
जिनका था ना कोई जवाब
लिए आंखों में आंसू खड़ा मै भी
कि फरियाद की गुहार मैंने भी।

क्या यही है मेरी ज़िन्दगी ?
क्या करनी मुझको मजदूरी ?
है ना कोई खुशी ज़रूरी ?
कब तक मारू अपनी ख्वाहशें ?
क्यों लिखी मेरे जीवन में इतनी खामिए ?

मेरी पहचान का कोई वजूद नहीं रहा
सिर्फ मालिक के कहने पे करता रहा
मेरा भी दिल करता पढ़ने को
नहीं जी करता किसी की गुलामी करने को
अब जी नहीं करता कुछ सेहने को।

महीनों निकाल कर अपना पसीना
उस आग में झुलसा कर अपना सीना
लाया पगार मै कुछ यूहीं
ली बापू ने छीन उसे भी
दी लूटा अपने दारू - जुए में ही।

पूछता हूं उस खुदा से सवाल मै भी
क्यों दी ऐसी गमों भारी ज़िन्दगी मझे ही
चाहता मै भी जीना खुशी से रहना 
अब तो कर दो कोई करम सुनहरा ।। --बाल मजदूरी--
दिल में थे ढेरों सवाल
जिनका था ना कोई जवाब
लिए आंखों में आंसू खड़ा मै भी
कि फरियाद की गुहार मैंने भी।

क्या यही है मेरी ज़िन्दगी ?
क्या करनी मुझको मजदूरी ?
है ना कोई खुशी ज़रूरी ?
कब तक मारू अपनी ख्वाहशें ?
क्यों लिखी मेरे जीवन में इतनी खामिए ?

मेरी पहचान का कोई वजूद नहीं रहा
सिर्फ मालिक के कहने पे करता रहा
मेरा भी दिल करता पढ़ने को
नहीं जी करता किसी की गुलामी करने को
अब जी नहीं करता कुछ सेहने को।

महीनों निकाल कर अपना पसीना
उस आग में झुलसा कर अपना सीना
लाया पगार मै कुछ यूहीं
ली बापू ने छीन उसे भी
दी लूटा अपने दारू - जुए में ही।

पूछता हूं उस खुदा से सवाल मै भी
क्यों दी ऐसी गमों भारी ज़िन्दगी मझे ही
चाहता मै भी जीना खुशी से रहना 
अब तो कर दो कोई करम सुनहरा ।। --बाल मजदूरी--
jennie8342230348059

Jennie

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--बाल मजदूरी--