मैं बनकर तितली बैंगनी फूलों की खुशबू चुराना चाहती हूँ मैं नीले-आसमानी आकाश में बादलों पर उड़ना चाहती हूँ दूर खड़ी उन अडिग हरी-भरी चोटियों के शीर्ष तक, कभी संकरी घाटियों के चक्कर लगाना चाहती हूँ मैं लेकर कुछ पीली गुनगुनी धूप हथेली में, अपने साँवरे चेहरे पर मल देना चाहती हूँ। मैं यूँ ही कभी अपने बालों को आज़ाद कर, हवा की नारंगी धुन पर थिरकना चाहती हूँ। लाल सोंधी माटी की भीनी-भीनी सुगंध ताउम्र अपने जेहन में बसा लेना चाहती हूँ। मैं चुराकर सातों रंग इंद्रधनुष के ज़िंदगी के कैनवास पर चित्रकारी करना चाहती हूँ कुछ ख़्वाब पल रहे हैं दिल के किसी कोने में, उन ख़्वाबों को मैं हकीकत बनाना चाहती हूँ। उफ़्फ़ नादाँ दिल क्या-क्या सोचता है, मैं तो फ़कत अनाम रहना चाहती हूँ। अहा ! रे मुखड़ी मेरी बुराँसी कु फूल 😂 #pnphindi #pnpabhivyakti #pnpabhivyakti8 #rainbows #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल #बुराँश