आयेगी सुबह रौशनी की, थमेगा ये अंधेरा।। सब पे बरसेगा नूर आफताब का, चमकेंगे सब कोहिनुर बनकर।। राह आसान होगी, कठिनाई समाप्त होगी।। सबको सब मिल पायेंगे।। जिगर से अपने सब अपने जिगर के टुकड़ों को लगा पाएंगे।। प्रीत में भरकर गले लगा पाएंगे।। ©Shweta Mairav #mairav #merisubahmujhemilegi #मेरीसुबह