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सीने मे दबाए बैठे थे गम को भुलाए बैठे थे खुद को स

सीने मे दबाए बैठे थे 
गम को भुलाए बैठे थे
खुद को समझाए रहते थे
बस हर दिन हर पल यही कहते थे 
गुजर जाएगें ये दिन भी जो मेरे न थे
गैरों को भी अपना मान के दिल लगाए रहते थे
झाँक कर जब अपने गिरेंबा मे देखा तो 
यँहा अपने भी हमको भुलाए बैठे थे
लोग जो मेरे करीबी हुआ करते थे 
वो अक्सर ये कहते थे खास हो तुम हमारे
तुम्हारी दोस्ती के बिना जिंदगी कैसे गुजारे
आज आती है हँसी खुद पर ही जब 
देखता हूँ बदल कर रस्ता वो दूर से है जा रहे
किसी को क्या दोष दूँ  इसका 
मेरी ही फ़ितरत होगी ऐसी की 
छोड़ कर वो किस्सा अधूरा जा रहे हैं
बदले बदले से लोगों को हम नजर आ रहे हैं
कल तक थे जो प्यार से आज ताने सुना रहे हैं
लगता है मुझको कि दिल लगाने की सजा पा रहे हैं
हम तो बस जो वादा किया है खुद से वो निभा रहे हैं
आप भी बता दो यारों कब हम आपसे
नाराजगी जता रहे हैं............ 

#निखिल_कुमार_अंजान............. #मेरी_डायरी...
#निखिल_कुमार_अंजान...
#nojoto
सीने मे दबाए बैठे थे 
गम को भुलाए बैठे थे
खुद को समझाए रहते थे
बस हर दिन हर पल यही कहते थे 
गुजर जाएगें ये दिन भी जो मेरे न थे
गैरों को भी अपना मान के दिल लगाए रहते थे
झाँक कर जब अपने गिरेंबा मे देखा तो 
यँहा अपने भी हमको भुलाए बैठे थे
लोग जो मेरे करीबी हुआ करते थे 
वो अक्सर ये कहते थे खास हो तुम हमारे
तुम्हारी दोस्ती के बिना जिंदगी कैसे गुजारे
आज आती है हँसी खुद पर ही जब 
देखता हूँ बदल कर रस्ता वो दूर से है जा रहे
किसी को क्या दोष दूँ  इसका 
मेरी ही फ़ितरत होगी ऐसी की 
छोड़ कर वो किस्सा अधूरा जा रहे हैं
बदले बदले से लोगों को हम नजर आ रहे हैं
कल तक थे जो प्यार से आज ताने सुना रहे हैं
लगता है मुझको कि दिल लगाने की सजा पा रहे हैं
हम तो बस जो वादा किया है खुद से वो निभा रहे हैं
आप भी बता दो यारों कब हम आपसे
नाराजगी जता रहे हैं............ 

#निखिल_कुमार_अंजान............. #मेरी_डायरी...
#निखिल_कुमार_अंजान...
#nojoto