Nojoto: Largest Storytelling Platform

कल मैं second class की एक किताब पढ़ रही थी! कहानी

कल मैं second class की एक किताब पढ़ रही थी!
कहानी थी अकबर और बीरबल की!बादशाह अकबर अपनी पालकी पे सवार कहीं जा रहे है!सफ़र लंबा है,बादशाह थक जाते है,परेशान हो जाते है और अपने दरबारियों से कहते है मै थक गया हूं कुछ करो के ये सफ़र छोटा हो जाए!
यहां सोचने वाली बात है के थकना तो बेचारे कहारों को चाहिए था  बादशाह का बोझ उठाए उठाए...मगर वो तो मुलाजिम है वो कैसे थक सकते है उनका तो नसीब है घिसकर मरना,और बादशाह का नसीब है आराम!
खैर कहानी आगे बढती है सभी परेशान है बादशाह की परेशानी से क्या करे के रास्ता आधा हो जाए और सफ़र कम!
पहाड़ी क्षेत्र की वजह से दुसरा कोई रास्ता भी न था,सब बेहाल,डरे सहमे के जाने बादशाह आगे क्या करे...
फिर हर बार की तरह बादशाह के जिन्न महाशय बीरबल आगे आए और फिर रास्ता भी छोटा हुआ और बादशाह का सफ़र भी खत्म हो गया और ऐसे हुआ के जिल्लेइलाही को खबर तक न हुई!!
बीरबल जी ने ईतनी मजेदार कहानी सुनाई के शहंशाह को रास्ते का ध्यान ही न रहा और सफ़र कट गया!!

मैं सोच रही थी काश हम सभी के पास एक बीरबल होता,जो हमारे सफ़र को आसान बना देता,उनके पास भी होता जिन्होंने खुद को ही खत्म कर डाला इस थकन भरे सफ़र से थक कर!
थकना इंसानी फितरत है कुछ होते है बेहद कमजोर जो हार जाते है कोई बीरबल नहीं होता न उनके पास और ना ही आत्मबल जो के अहम है हमारे सफ़र के लिए!
क्या हुआ जो आपके पास बीरबल नही है आत्मबल तो है और वो सौ बीरबल के बराबर है!
तो चलो और चलते रहो....!!

©Neha Mohan 
  #lightpole #story #Inspiration #Akbarbirbal