जब से तेरे मेरे बीच ये रूसवाई आई है वजह ढूढ रहा हु मै बनी कैसै ये खाई है सफर कैसा था वो तेरा मेरे पास आकर बिछडना तेरा यार भी कोई कमाल है जिसने ये आग लगाई है मुझे तो इतना सताती क्यो है हमेशा हर व्यक्त ये हि बता दे अब तेरे मन मे क्या समाई है तेरी याद रह गई है दिल मे बस अब हा! आज मैनै तेरी सारी चिट्ठियां जलाई है तेरे जाने का गम समझ या खुशी इसे अब कलम ने "दीप" को नई राह दिखाई है ©दमन कटारिया दुरिया आई है