किसी की हैसियत को देख गर तुम प्यार करते हो। मुझे लगता कि जैसे अब, ये तुम व्यापार करते हो। बिना मंजिल की राहों में, भटकते हो किधर बोलो- ये जीवन एक दूजे का, यूँ ही बेकार करते हो। #मुक्तक #हैसियत_प्यार_करने_की #विश्वासी