हमारा यूँ मिलना और बिछड़ जाना शायद खुदा को यही मंजूर था हमारा रिश्ता इतना पुराना फिर भी लोगो को शक था मिलकर बिछड़ना और फिर मिलना ये किसी संजोग से कम न था तेरे खातिर सब से लड़ना प्यार में ये भी कम था शायद लक्ष्मन का वनवास उर्मिला का कर्म था राधा का श्याम होकर भी कृष्ण अधुरा था इश्क की बात तो अब पुरानी ही लगती है शायद यही कलयुग को मंजूर था।। #मंज़ूर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi