परवाह नहीं हमें, कि आगे अंजाम क्या होगा, डालदी हैं, हमनें कश्तियां समन्द्र के उफ़ान में, रस्ता बस एक हैं,जाता हैं जो ख्वाबों की ओर, बाकि रस्ते सारे मिटा दिये,जुनून के तुफ़ान में, ©@Rav¶Nayak_bhatneri #KaagazKiKashti Dream/Khwab #mitivational #poem #Poetry #Poet #Shayari