White पूछे सिकता-कण से हिमपति! तेरा वह राजस्थान कहाँ? वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये फिरनेवाला बलवान कहाँ? तू पूछ, अवध से, राम कहाँ? वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ? ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक? वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ? पैरों पर ही है पड़ी हुई मिथिला भिखारिणी सुकुमारी, तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं अपनी अनंत निधियाँ सारी? री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव के वे मंगल-उपदेश कहाँ? तिब्बत, इरान, जापान, चीन तक गये हुए संदेश कहाँ? वैशाली के भग्नावशेष से पूछ लिच्छवी-शान कहाँ? ओ री उदास गंडकी! बता विद्यापति कवि के गान कहाँ? ©RJ VAIRAGYA #rjharshsharma #ramdharisinghdinkar