White #Dedicatedtomybrother #(ANOOPPANDEY) मैं बहुत दूर तुमसे पर तुम मेरे एहसासों में रहते हो मन प्रसन्नचित होता जब मुझको छुटकी कहते हो मैं रहूं भले ही अब कोसों दूर ह्रदय में तुम बसते हो सुनो न भैया ये भाव बड़े ही निर्मल अद्भत लगते है जीवन है संग्राम नही विदित है अब हम अंजान नहीं कुत्सित समाज ढूंढ रहा है प्रयास है पर पहचान नही मैं जानती मेरे रिश्ते भले ही न रक्त संबंधों वाले है पर जो हैं उसको भी कहां सभी निभाने वाले हैं।। तुम समय गंवाओं चर्चाओं में मोर्चा का नाम नहीं मैं खुश हूं अपनी बगियां में जहां पापा अथाह प्रेम मां का लाड मेरे भैया का पनपता है दुलार कही।। ©Shilpa Yadav #GoodMorning #shilpayadavpoetry#nojotohindi#mybrother#shilpayadavpoetry