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मित्र तुम मित्रता के काबिल न रहे साथ तो और चाहिए थ

मित्र तुम मित्रता के काबिल न रहे
साथ तो और चाहिए था, पर मुनासिब न रहे

वक्त बे वक्त याद आ ही जाते हो, फिर खूब सताते हो
मीठी यादें गुदगुदाती है, तेरे ताल्लुक न रखने पे गुस्सा भी आती है
उन हसी शाम की गीत के अल्फाज न रहे
मन में चमकती मुस्कान तो रह गई, पर दोस्त, वो एहसास न रहे
मित्र तुम मित्रता के काबिल न रहे।

©anuj jaiswal #melting  vibhavari
मित्र तुम मित्रता के काबिल न रहे
साथ तो और चाहिए था, पर मुनासिब न रहे

वक्त बे वक्त याद आ ही जाते हो, फिर खूब सताते हो
मीठी यादें गुदगुदाती है, तेरे ताल्लुक न रखने पे गुस्सा भी आती है
उन हसी शाम की गीत के अल्फाज न रहे
मन में चमकती मुस्कान तो रह गई, पर दोस्त, वो एहसास न रहे
मित्र तुम मित्रता के काबिल न रहे।

©anuj jaiswal #melting  vibhavari
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anuj jaiswal

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