उठने और गिरने के मिलते हैं , बहुत से नायाब पल, ज़िंदगी में नये सफ़र और अनोखी , मंज़िल के साथ, अपनी कोशिशों का मंजर, बना लेते है उठने वाले , गिरने वाले अपनी हरकतों का , बना लेते है केदखाना .... जिंदगी के नायाब पल ।