बारिश की बूँदो ने हल्के से कहा... गुनगुना रही, तुम सुनना मुझे जरा, कभी तेज-तेज कभी मध्यम सी मैं.. हर पत्ते पर............. शबनम सी मैं| झुम उठी हर डाली आज...... फूलो से भरी हुई क्यारी आज, मौसम ने क्या गजब खेल है, खेला.. मानो चाय की प्याली में रंग उड़ेला| कुछ खास सा है, आज का नया सवेरा.. रिमझिम बूँदो का यूँ सड़को पर थिरकना, और धीरे से कानो में यूँ कहना...सुनो, गुनगुना रही हूँ........ मुझे तुुम सुनना| Baarish K bundo ne Kha.....