नजदीकियों की इजाजत नही दूर से तुमको बस देखे ही रूबरू होना मुश्किल अगर तुम चाहो तो ऐशा ही सही चाहती ऐशा न जाने क्यों तुम्हारे लगते नेक इरादे नही अजीब सी बंदिशे है तुम्हारी तुम्हें समझ पाना आसान नही हमे देख कर मुस्कुरा जाती देखते तो नज़रे मिलाती नही ये कौनसा खेल खेलती तुम तुम्हारी चाल समझ आती नही ये खेल अब अच्छा लगता कोई और खेल अब भाता नही कोशिश रहती तुम्हे जीताने की खुद जीतना अच्छा लगता नही क्या हुआ अगर हारते है तुमसे जीतना हमको मंजूर नही हारने का तो मजा कुछ और है छोडो तुम ये बात समझोगे नही दुबे दीपक #sajise