ख़्वाहिशों का समन्दर लिये फिरती है ज़िन्दगी आस्माँ की बुलंदियों तक जाने को बेताब है ज़िन्दगी उम्मीदों का दामन थामें रफ़्ता-रफ़्ता ग़र्क! होती उबरती! ख़्वाब देखना नहीं छोड़ती है ज़िन्दगी #zindagi #dreams #ambitions