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"बाँट रहें है धरती को पर आब कहाँ है हाथ किसी के, त

"बाँट रहें है धरती को पर आब कहाँ है हाथ किसी के,
ताब चुराते लोग मगर महताब कहाँ है हाथ किसी के

इतना भी मुश्किल ना हैं  यारा तुम से मेरा  मिल पाना,
माना दूरी  ज़्यादा है पर ख़ाब कहाँ है हाथ किसी के।"

चारण गोविन्द #distancerelationship 
#दूरियाँ #मुहब्बत #प्यार 

#CharanGovindG 
#govindkesher 


#thought
"बाँट रहें है धरती को पर आब कहाँ है हाथ किसी के,
ताब चुराते लोग मगर महताब कहाँ है हाथ किसी के

इतना भी मुश्किल ना हैं  यारा तुम से मेरा  मिल पाना,
माना दूरी  ज़्यादा है पर ख़ाब कहाँ है हाथ किसी के।"

चारण गोविन्द #distancerelationship 
#दूरियाँ #मुहब्बत #प्यार 

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#govindkesher 


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