मैं कोई खिलौना नहीं अपनी माँ की बिटिया हूँ .. बाबा की लाडली नन्हीं सी चिड़िया हूँ.. अपने नाना नानी की बिगड़ी सी चिड़चिड़ी अंजलिया हूँ.. अपने पापा का राजा बेटा हूँ तो अपने भाइयों की छोटी बहनिया हूँ ..... और अपने मामा और मासियों की समझदार गुड़िया हूँ.. मुझको शिकायत करनी है सताते हैं सब यहां ..... खाना खाया कोई नहीं पूछता ..... आखिर कब आप सबकी नजर से देखेगा मुझे ये जहां .... बहुत याद करती हूँ सबको बस दिखाती नहीं हूँ ... आज भी मन अकेला है आप सबके लिये उदास है .... पर फिर भी खुश हूँ मैं लडूंगी गिरूंगी उठूंगी क्योंकि मुझे पता है मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ है .... और मेरी खुशी की वजह आप सबका मेरे पास होने का एक एहसास है.. -@Anjali A poem based on me.. 😊