Nojoto: Largest Storytelling Platform

कितनी शर्मीली लजीली है हवा बरसात की मिलती है उन

कितनी शर्मीली लजीली है हवा बरसात की 

मिलती है उन की अदा से हर अदा बरसात की 

जाने किस महिवाल से आती है मिलने के लिए 

सोहनी गाती हुई सौंधी हवा बरसात की 

उस के घर भी तुझ को आना चाहिए था ऐ बहार 

जिस ने सब के वास्ते माँगी दुआ बरसात की 

अब की बारिश में न रह जाए किसी के दिल में मैल 

सब की गगरी धो के भर दे ऐ घटा बरसात की 

देखिए कुछ ऐसे भी बीमार हैं बरसात के 

बोतलों में ले के निकले हैं दवा बरसात की 

जेब अपनी देख कर मौसम से यारी कीजिए 

अब की महँगी है बहुत आब-ओ-हवा बरसात की 

बादलों की घन-गरज को सुन के बच्चे की तरह 

चौंक चौंक उठती है रह रह कर फ़ज़ा बरसात की

©ek आदेश
  #lonely  Shambhavi Sharma Pallavi Srivastava Deepti Srivastava बारिश...........