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तुम्हें पता भी नहीं चलेगा और.. हम कहीं खो जाएंगे

तुम्हें पता भी नहीं चलेगा 
और.. 
हम कहीं खो जाएंगे,
हक़ है तुम्हें कि 
तुम भूल जाओ मुझे 
हम तो एक लम्हा  हैं 
गुज़रा हुआ 
बन के भाप यूँ ही हवा में 
हम गुम जाएंगे. 
तेरी खुशियों की क़दर 
तब भी थी, आज भी है 
बन कर मुस्कान यूँ ही 
तेरे होंठों पर बस जाएंगे 
तुम्हें 
पता भी नहीं चलेगा 
और 
हम खो जाएंगे

©हिमांशु Kulshreshtha
  तुम्हें पता भी नहीं चलेगा..

तुम्हें पता भी नहीं चलेगा.. #Shayari

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