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दुआ नहीं तो गिला देता कोई। मेरी वफाओं का सिला देता

दुआ नहीं तो गिला देता कोई।
मेरी वफाओं का सिला देता कोई।

जब मुकद्दर ही नहीं था अपना,
देता भी तो क्या देता कोई।

हासिल-ए-इश्क फकत दर्द है,
ऐ काश पहले ही बता देता कोई।

तकदीर में था अगर आसमान छूना,
तो खाक में ही मिला देता कोई।

गुमान ही हो जाता किसी अपने का,
अच्छा होता जो भुला देता कोई।

ये जिंदगी तो रो-रो के कटेगी "जख्मी "
क्या होता अगर हंसा देता कोई। क्या होता अगर हंसा देता कोई
दुआ नहीं तो गिला देता कोई।
मेरी वफाओं का सिला देता कोई।

जब मुकद्दर ही नहीं था अपना,
देता भी तो क्या देता कोई।

हासिल-ए-इश्क फकत दर्द है,
ऐ काश पहले ही बता देता कोई।

तकदीर में था अगर आसमान छूना,
तो खाक में ही मिला देता कोई।

गुमान ही हो जाता किसी अपने का,
अच्छा होता जो भुला देता कोई।

ये जिंदगी तो रो-रो के कटेगी "जख्मी "
क्या होता अगर हंसा देता कोई। क्या होता अगर हंसा देता कोई
msjakhmi5913

M.S. Jakhmi

New Creator

क्या होता अगर हंसा देता कोई