सूरज पर विश्वास रखो तुम बस इस रंग की आस रखो तुम असमान मन को होने दो धरती सा सतत प्रयास रखो तुम ये प्रकाश की थाती उज्ज्वल जगमग प्राणों में है अविरल नयनों में इस झल निर्झर की नेहिल सस्मित साख रखो तुम जग में जंगम जीवन इससे सद्य समय के साथ चलो तुम सहज लुटा दो प्रभा हृदय की मन की विभुता पास रखो तुम और समीर से बोलो खगकुल सौरभ सा आभास रखो तुम अपने रुचि और स्वप्न सुघर का नितप्रति ही अभ्यास रखो तुम लक्ष्य सदा आँखों में परचम पंखों पर आकाश रखो तुम मौसम चाहे पतझर कम्पित बोली में मधुमास रखो तुम और अगर ऊँचे चढ़ जाओ जगति से आगे बढ़ जाओ तनकर मत परिहास करो तुम सबका हृदय प्रकाश करो तुम सहज प्रेम का उद्यम मंडित सूरज सा व्यवहार करो तुम लेने और देने की रीति बादल-बरखा की सी प्रीति हरित धरा का स्वप्न अलौकिक मानव हो साकार करो तुम #toyou #yqnature #yqbeinghuman #yqreflection #untothelast #yqskies #yqsaveearth