मुझे नींद नहीं आती बिना बात करे वो पता नहीं कब सो जाता है मैं हर वक्त सोचती हूं उसको उसको मेरा ख्याल भी नहीं आता है मैं उसकी नफ़रत सहन नहीं कर पाती मेरी नाराजगी वह समझ ही नहीं पाता मैंने पूरी जगह दे दी उसको अपनी जिंदगी में वह मुझे अपनी जिंदगी का अभी तक छोटा सा हिस्सा भी नहीं बना पाया मैं बेचैन हो जाती हूं उससे बात करने के लिए वह मेरे मैसेज का जवाब तक नहीं दे पाता है मै जी रही हूं खुद में हर रोज थोड़ा थोड़ा वह पता नहीं क्यों देख हि नहीं पाता है ।। ©Dipak Jha मुझे नींद नहीं आती बिना बात करे वो पता नहीं कब सो जाता है मैं हर वक्त सोचती हूं उसको उसको मेरा ख्याल भी नहीं आता है मैं उसकी नफ़रत सहन नहीं कर पाती मेरी नाराजगी वह समझ ही नहीं पाता