White इंसान ने इतनी तरक्की ना की होती तो ये कहर ना बनता खूब बारिशें होनी थी ,अगर ये शहर ना बनता हर रात की वही खामोश तन्हाई हर दिन का वही नकाब ओढ़ना इंसान खंजर घोंप लेता खुद को अगर जहर ना बनता।। ©Kunduizm #sad_shayari Nîkîtã Guptā