गर तेरे बगैर मैं अधुरी हूं, मेरे बगैर तुम भी कहा पूरे हाे। पुत्री बनकर जाे मैं तुमकाे मान देती हू, पिता बनकर तुम भी ताे दाेनाे जहां लूटा देते हाे। तेरी सलामती काे एक धागा बांधती हू तेरी कलाई पर, तुम चट्टान बन कर मेरी हर मुसीबत के सामने खड़े हाे जाते हाे। पत्नि बन कर गर मैं समर्पण करती हू, तुम भी ताे पति बन सर्वस्य न्याेछावर करते हाे। माँ बन कर जाे तेरा पालन मैं करती हूं, सृजन का गाैरव देकर पूर्ण मुझकाे करते हाे। ये जरूरी ताे नही की women's day पर हम पुरूषाें की शिकायत ही करे।हनारे जीवन मे जाे भी समस्याये है उनका कारण भी स्वयं हम है,और निवारण भी हम ही हैं।हम क्याें किसी पर इतवे निर्भर हाेते है कि उसके बगैर अपने जीवन की कल्पना नहीं कर पाते।अगर काेई हमारा शाेषण करता है ताे हम उसे माैका क्यूं देते है।दूसराे पर दाेषाराेण करने से बेहतर है हम अपनी दशा और दिशा का निर्धारण स्वयं करे। #yqbaba#yqdada#yqdidi##womens day#yqlove