दबदबा रहे बरकरार उपजे सारे मनोविकार झूठी वाहवाही जयकार दिल शायद हीं करे स्वीकार कर्म हीं जीवन का आधार सदाचारी हो व्यवहार कभी हो न तिरस्कार मन रहीत हो अहंकार विजयी वही सदाबहार ! #VIJETA_कच्ची_सड़क