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खैर मनाओ कि अब तक नर्मियां ही बरती हैं मैने तुम्

खैर मनाओ 
कि अब तक नर्मियां ही बरती हैं मैने 
तुम्हारे लहज़े से पेश आती तो कब की 
खटिया सिमट गयी होती तुम्हारी ।। #hindipoetry #nohatred #jaisekotaisa
खैर मनाओ 
कि अब तक नर्मियां ही बरती हैं मैने 
तुम्हारे लहज़े से पेश आती तो कब की 
खटिया सिमट गयी होती तुम्हारी ।। #hindipoetry #nohatred #jaisekotaisa