मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी तेरे आने का इंतज़ार किया जिन्दगी ने भी इम्तहान लिया तेरा चेहरा मुझे तो चांद लगे मुस्कुराए चमन में फूल खिले हर खुशी आज मेरे दर पे खड़ी मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी तुझसे मुंह मोड़ें हैं कठोर बड़े रोना सुनकर भी बहुत दूर खड़े मैं तुझे गोद में उठा लूंगा सबकी नजरों से भी बचा लूंगा बेरहम हैं तो मुझको किसकी पड़ी मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी तू परी है जिगर का टुकड़ा तू मैं रहूं पास फिर न घबरा तू राह कैसी हो साथ चलना है तुझको नाजों से ही तो पलना है रहना हर पल ही सबसे आगे खड़ी मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी मेरे घर आई एक नन्हीं परी ©कवि मनोज कुमार मंजू #नन्हीं_परी #वाणी #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू