दिल दुखा तो आँखों ने दर्द बयाँ किया होंठ खामोश रहे, धड़कनों ने शोर किया निग़ाहें चीख़-चीख़ कर बता रही थी दर्द-ए-दिल मग़र होठों ने इकरार-ए-दर्द से इंकार किया ©Pavitra Sutparai Magar #Poetry ❤ #Emotion