दिन के चारो पहर गुजारते,हम नोजोटो के संग, लिखने लगे कविता रंग गए,हम नोजोटो के रंग। ज़िंदगी के सफ़र में नोजोटो का ठोर मिल गया, मिला नोजोटो तो लगा ऐसा सबकुछ पा लिया। बन गए कुछ अनजाने दिल के गहरे रिश्ते नाते, भाई बहन और गुरु शिष्य यहां सब मिल जाते। खूब मिल रहा यहां पर घर जैसा आदर सम्मान, प्यार बाटें खुशियां पाएं यही यहां का संविधान। nojoto काव्यशाला में लेखन के सबक सीखते, मिलती वाह वाही मन ही मन हम बहुत रीझते। बन गया नोजोटो संग ज़िंदगी का खास रिश्ता, मिलजुलकर रहते यहां सब,बनी हुई समरसता। JP lodhi 12/08/2021 ©J P Lodhi. #MyJourneyWithNojoto #nojotowriters #Nojotonews #nojotfilms #Poetry