वादे शब्दों के मौहताज नहीं होते, कि जो एक बार कर दिया तो पत्थर की कोई लखीर खिंच गयी हो! वादे तो रिश्तों के गवाह होते हैं, कि जो भले ही कभी किया ही न गया हो, फिर् ताउम्र निभाये चले जाते हैं। हमने वो वादे भी निभाये हैं, जो कभी किये ही नहीं। #vaade #shayari #shabd #nazm