ए मेरे दुश्मनों जा मैंने तुझे माफ किया और मुझे तुझसे कोई शिकायत नहीं अगर तुम मुझे नीचा दिखाना चाहता है तो मैं जानता हूं कि तुम मुझसे नीचा है तुम मुझे कितना भी कष्ट क्यों ना दे पर मैं जानता हूं कि तू मुझसे कभी बड़ा नहीं हो सकता क्योंकि जो दूसरों को गिराना जानता है उसके लिए खुद ही गड्ढा खोदा जाता है और वह गड्ढा खोदने वाला और कोई नहीं और मेरा खुदा और मेरा भगवान हो मेरा ईश्वर है मैं तुझे मेरी दुश्मनी के लिए सलाम करता हूं कि मैंने तेरी दुश्मनी से बहुत कुछ सीखा मैंने सीखा कि अपनों को अपना और पराया को पराया समझने का तरीका सिखा कौन अपना है और कौन पराया है उसे को समझने का जो तरीका जो हुनर तुमने मुझे सिखाया उसके लिए मैं तुम्हें धन्यवाद देता हूं हे मेरे दुश्मन मैं तुझे सलाम करता हूं मैं तुझे सलाम करता हूं मेरे दुश्मन मैं तुझे सलाम करता हूं