"शब्द नहीं अब रण होगा" रख महि पे रथ अपना, शब्द मुख आज न कुछ बोलेगा, खून की गँगा निकलेंगी तलवारे आज सबकुछ बोलेगा, धड़ को धरा निगल जाएंगी, नरमुण्ड आज धर्मकांट में तौलेगा, उठा! शमशीर ,धर्मचक्र आज न कुछ बोलेगा, फूटेंगी ज्वार अग्नि की खून भाप बन धुव्र का सुख लूटेगा, टूटेंगी लंघन भाल की आज हर वीर अमर्त्व का नफ़ा भोगेगा, अब जीत का प्रण होगा शब्द नहीं अब रण होगा।। ठिठुर उठेंगी आसमा,बदल चिंगारी छोड़ेगा, महाकाल की तांडव पे अब काली का रण होगा, दशो दिशाओं, तीनों लोक में नर- नारी जय बोलेगा, उठेगा जब मस्तिष्क शत्रु का पिनाक पे हर युग तेरी जय बोलेगा, डर को अपना खड़ाऊ बनालो ताव से तन खौलेगा , कटा पड़ा हो मगज तुम्हारा फ़िर भी धड़ डोलेगा, अब आयुध से शत्रुओं का आलिंगन होगा, शब्द नहीं अब रण होगा।। praajm_amit😶 ©AMIT KUMAR KASHYAP #Trending #War #Dussehra