रंग दे मुझे मां, तीन रंगों से, दूजा रंग मोहे भाए ना वतन की खुशबू तीन रंगों में, दूजा रंग चढ़ पाए ना प्रीत की डोर बंधी जो तुझसे, संग तेरा छोड़ा जाए ना वचन मुझे दो, वतन को अब कोई, शत्रु छू भी पाए ना रंग गुलाल ही खेले दुनिया, रक्त से कोई नहाए ना खुश हो सारे धरती अंबर, मुख पर गम अब छाए ना बारी आए समर की भी तो, फौजी अब घबराए ना शत्रु के षड्यंत्र से, हे, माँ, देश मेरा डर पाए ना #होली #पोएम #कोट्स #myvoice #हैप्पीनेस #सनसेट #विचार