सुना है, उसने मेरी यादों को पकड़ के रखा है। उड़ान भर न ले अरमां उसकी, इसलिए अपने पर को कतर के रखा है। सौप दिया है खुद को उसने मेरी झोली में, रहेगी सदा संग, ये सपर के रखा है। #confession #sacrifices #shatyagashi सपर=निश्चय पर=पंख कतर=काटना