Jai Shri Ram रसाल छंद 👇 211 111 121, 211 121 121 1 भानजभजुजल 9,10वर्ण पर यति पावन जप मन नाम,राम सुखधाम कहावत। भूषण रघुकुल राम,रूप सबको यह भावत।। मोहत सकल समाज,दृश्य मनभावन लागत। सोहत अवध कुमार,भाग्य सबके अब जागत।। ©Bharat Bhushan pathak #jaishriram poetry lovers hindi poetry poetry in hindi poetry on love