आंखों को कोई जचा नहीं दिल को कोई भाया नहीं रख लू जिसे अपना बना कर ऐसा ज़िन्दगी में कोई आया नहीं मुस्कुराने से डरता हूं कि, मुस्कुरता ही नहीं आज तक ये समझ आया नहीं आंखों को कोई जचा नहीं दिल को कोई भाया नहीं रख लू जिसे अपना बना कर ऐसा ज़िन्दगी में कोई आया नहीं आज भी अकेला हूं, कल भी था, रूबरू हो सकता था जिसे वो, इश्क़- ए- आसमान मैंने पाया नहीं जो कभी हुआ हो अहसास मेरी बुजदिली देखो जो कभी हुआ हो अहसास मेरी बुजदिली देखो... मैंने इक बार उसे जताया नहीं सोचा मैंने आंखों से पढ़ ले वो पर एक बार जुबां से बताया नहीं ☝😓#ऋतु #बुजदिली मेरी