ये राहें,ये गालियां,ये मोहल्ला,ये शहर इतना वीरान क्यों है, ये सड़क,ये टपरी,ये घर,ये छपरी,इतना सुनसान क्यों है। कोई बताएगा मुझे की ये कुदरत का करिश्मा है या कुछ और, की घर है,परिवार है,हर रोज रविवार है,फिर भी इंसान परेशान क्यों है।। Arun sharma #Wish #lockdown #Hindi #urdu #Poetry #shayri #Poet #Jaipur