ये जो चेहरे हैं ये कागज़ी हैं इनपे कई अनकहीं कहानियां दफ़न हैं ये हंसते चेहरे नहीं बल्कि मेले के मुखौटे हैं इन्हें झाँककर देखो तो इनकी परछाईयों से डर जाओगे। इन्हें किसी ने शिद्दत से नहीं बनाया न ही ये किसी दुआ की उपज हैं इन्हें तो जज़्बाती कहना भी बेवकूफी होगा क्योंकि, ये जो चेहरे हैं ये शहरी चेहरे हैं। #sahilmishra #sahilmishrawriter #sahilwriter #sahilmishrapoetry #sahilmishrapoem #nojoto #love #DPF #DFP