सुनो... कुछ किताबें एक दुसरे से लिपटी.. बिखरी पड़ी है.. शर्ट बाहें फैलाए..जीन्स टांगे पसारे.. खामोशियाँ सेंक रही है.. कुछ खाली गिलास दूध के.. धुलने के इंतज़ार में.. चम्मचों का बोझ उठाए..खड़े है.. आधी खाली..आधी भरी.. एक बोतल..पानी की.. उलझे हुई कुछ तारें ..चार्जर की.. रौशनी का बस्ता उठाए..एक अकेला बल्ब.. उदास बिस्तर...दो तकिये मुह फुलाए.. एक जोड़ी जूते..कार्नर की सीट लिए बैठे है.. यार इनका भी मसला कमाल हैं.. कोई चाह कर भी जुदा नहीं कर सकता.. काश हम तुम भी जूतों की तरह.. साथ जीते साथ मरते..खैर.. तो ये है मेरा कमरा..और हाँ.. तुम..एक छोटे से फोटो फ्रेम में बैठी.. मुस्काती..मुझको देखती..सामने मेज पर हो... क्या कहाँ...मैं..ह्म्म्म मैं...मैं यहाँ कहाँ.. मैं तो तेरे दिल के पिंजरे में कैद हूँ.. ये सही है..बस हँस के टाल दो सब.. तुम न..सिर्फ सुनती हो..समझती नहीं हो कुछ.. बोलो समझ रही हो क्या..हाँ बोलो.. बोलो..सुन रही हो न..!! #yqdidi #yqbaba #sunoseries #myownformat #love